bhagwan ki photo ka girna Options
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छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.
कोर्ट ने ऐसा करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन प्रशासन ने आदेश आने के चंद घंटों के बाद ही देर रात में पूजा शुरू करा दी.
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रिकॉर्ड तेजी के बाद धड़ाम! शेयर बाजार को कौन डरा रहा है?
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तो प्रशासन को सबसे पहले इन मूर्तियों को ट्रेज़री से निकलवाना था. इसके लिए पहले इन मूर्तियों की पहचान करना था जिसके लिए इन मूर्तियों की एएसआई रिपोर्ट में छपी हुई तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया.
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प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने के लिए पहले परिसर को खाली करवाना था और उस में भी कुछ समय लगा.
साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं इस साल किस तारीख को है नहाय खाय और खरना.
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हिन्दू पक्ष उसे अपनी याचिकाओं में व्यास जी का तहख़ाना भी कहता है.
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बांग्लादेश में झिनाईदह के सांसद अनवारुल अज़ीम कोलकाता से लापता कैसे हुए?
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इसमें पत्थर के बिना शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर है.
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